मेन्यू

थ्रस्ट एरिया

थ्रस्ट एरिया

आईपीआर शासन के संदर्भ में देश की उभरती जरूरतों से संबंधित नई प्रौद्योगिकियों के विकास पर संस्थान के भविष्य पर जोर दिया जा रहा है। प्रजातियों और आनुवंशिक स्टॉक स्तरों पर जर्मप्लाज्म की अन्वेषण और प्रलेखन मुख्य आधार होगा। इसके अलावा, जीनोमिक स्तरों पर जर्मप्लाज्म की खोज के लिए क्षमता निर्माण की जाएगी। ज्ञानवर्धन के अतिरिक्त, संरक्षण प्रयासों के लिए उत्पन्न ज्ञान के उपयोग के लिए महत्व दिया जाएगा।

  • विभिन्न नदी घाटियों और जैव विविधता समृद्ध क्षेत्रों में मछली जैव विविधता के आकलन के लिए अन्वेषण कार्यक्रम, और नए जर्मप्लाज्म संसाधनों की खोज।
  • देश में और विभिन्न नदी के घाटियों और पारिस्थितिकी क्षेत्रों में मछलियों और शेलफिश आनुवंशिक संसाधनों पर डेटाबेस का विकास।
  • इंट्रा-स्पेसिफिक आनुवंशिक विविधता के दस्तावेजीकरण के लिए जनसंख्या का उल्लेख।
  • स्थानिक और लुप्तप्राय मछली प्रजातियों के भूतपूर्व संधारण के लिए क्षेत्रीय जीवित जीन बैंकों का विकास।
  • अनुवांशिक संसाधनों का मूल्यांकन।
  • जर्मप्लाज्म रिपोज़िट्री का विकास एवं रखरखाव।
  • निर्णय लेने हेतु एवं एग्ज़ोटिक्स के प्रबंधन हेतु रिस्क मैनेजमेंट सिस्टम।
  • इण्यिन मेजर कार्प्स का जेनेटिक संसाधन और उसका प्रबंधन।
  • एक्स सिटू संरक्षण और एक्वाकल्चर एप्लीकेशन हेतु स्पर्म बैंकिंग।
  • महत्वपूर्ण विकासशील प्रजातियों का जिनोम एक्सप्लोरेशन।
  • कटिंग एज एरियाज़ जैसे, स्टेम सेल रिसर्च, सेल लाईन डेवलेपमेंट, सेरोगेट ब्रडस्टॉक आदि पर रिसर्च प्रोग्राम।
  • मत्स्यपालन विकास और स्वदेशी मछली जीवों पर उनके प्रभावों का आकलन करने के लिए नए संभावित एक्सोटिक्स का मूल्यांकन।
  • एक्वेटिक एनिमल डिज़ीज सर्विलांस सिस्टम की स्थापना एवं डिज़ीज एमेरजेंसी पर प्रतिक्रिया।
  • विशेष मत्स्य पैथाजन्स एवं उनके प्रबंधन हेतु मॉलीक्यूलर डॉयग्नेस्टिक टेकनीक का विकास।
  • राष्ट्रीय स्तर की बीमारियों पर जोर देने के साथ, मत्स्यपालन में बेहतर स्वास्थ्य प्रबंधन के लिए रोगनिरोधी और उपचारात्मक उपाय पर अनुसंधान।
  • नए क्षेत्रों में विशेषज्ञों और महत्वपूर्ण इंफ्रास्ट्रक्चर के संदर्भ में क्षमता वर्धन।
  • मानव संसाधन विकास एवं प्रौद्योगिकी प्रसार।