इतिहास - भा.कृ.अनु.प.-राष्ट्रीय मत्स्य आनुवंशिक संसाधन ब्यूरों
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के तत्वावधान में देश के मत्स्य कृत्रिम संसाधनों के संरक्षण से संबंधित अनुसंधान करने हेतु भ.कृ.अनु.प.-राष्ट्रीय मत्स्य अनुवांशिक संसाधन ब्यूरो की स्थापना दिसंबर 1983 में इलाहाबाद में एक किराए के परिसर में हुई थी। ब्यूरो के स्थायी इंफ्रास्ट्रक्चर की स्थापना कनाल रिंग रोड, तेलीबाग, लखनऊ, यूपी में वर्ष 1999 में हुई, जिसके तहत 52 एकड़ में प्रशासनिक ब्लॉक, प्रयोगशालाएं, फार्म एवं आवासीय कॉम्प्लेक्स भी स्थापित थें। संस्था की परिकल्पना बौद्धिक संपदा संरक्षण, स्थायी उपयोग और भावी पीढ़ी हेतु मत्स्य आनुवांशिक संसाधनों का मूल्यांकन और संरक्षण है।
संस्था के अधिदेश में देश के मत्स्य अनुवांशिक संसाधनों का संग्रह, वर्गीकरण और सूचीकरण सम्मिलित है एवं लुप्तप्राय मत्स्य प्रजातियों के संरक्षण और स्वदेशी और विदेशी मत्स्य प्रजातियों के मूल्यांकन और आकलन के लिए मत्स्य अनुवंशिक सामग्री का रखरखाव और संरक्षण भी शामिल है। ब्यूरो में सुविकसित वातानुकूलित पुस्तकालय भी है, जिसमें 6950 किताबें रखी हुई हैं। पुस्तकालय में 27 विदेशी एवं 68 भारतीय पत्रिकाओं का सम्मिलित है। पुस्तकालय, पुस्तकालय की विभिन्न नौकरियों के स्वचालन के लिए एलआईबीएसवाईएस लाइब्रेरी ऑटोमेशन सॉफ़्टवेयर से लैस है। आईसीएआर-एनबीएफजीआर पूर्णरूप से एकेएमयू से लैस है, जो 24 घंटे सभी वैज्ञानिकों को और सेक्शन को उनके कार्यस्थलों पर इंटरनेट सुविधा मुहैया कराता है। संस्था में सुविकसित वातानुकूलित ऑडिटोरियम एवं कमिटी रूम भी है। ब्यूरो में एक बेहतरीन आधारिक संरचना तैयार करी गई है एवं विभिन्न क्षेत्रों में विशेषज्ञ स्थापित हैं, जैसे मत्स्य डाटाबेस का विकास, अनुवांशिक वर्णन, जीन बैंक, मत्स्य जर्मप्लाज्म एवं हैबिटैट इंवेंटरी, विदेशी प्रजातियों का जोखिम विश्लेषण, डायग्नोस्टिक फॉर ओआईई नोटीफाईड पैथोजन्स, एक्येटिक माईक्रोब्स एवं अन्य क्षेत्र।
आईसीएआर-एनबीएफजीआर एक आईएसओ 9001:2008 प्रमाणित संस्था है एवं आईसीएआर, नई दिल्ली द्वारा 2011 में सरदार पटेल बेस्ट इंस्टीट्यूट अवॉर्ड फॉर द इयर से भी सम्मानित किया गया। संस्था ने “गंगा एक्योरियम” की भी स्थापना करी जो की देश के सबसे बड़ा और बेहतरीन सार्वजनिक एक्योरियम में से एक है। यह एक्योरियम बड़े स्तर पर जनता में जागरुकता फैला रहा है और साथ ही देश में मछलियों की विशाल अभिन्नता पर भी शिक्षा प्रदान कर रहा है। गंगा एक्योरियम को पर्यावरण नीति और गुणवत्ता प्रबंधन के लिए आईएसओ 14001:2004 एवं 9001:2008 से सम्मानित किया जा चुका है।
संस्था में विभिन्न स्टेकहोल्डर के लिए क्षमता विकास कार्यक्रम भी चलाए जाते हैं, जिसमे शोधकर्ताओं, मछली किसानों, राज्य मत्स्य पालन विभाग के अधिकारियों और छात्रों को भी सम्मिलित किया जाता है।